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Showing posts from December, 2018

(आखेँ खोलो और सच्चाई से सामना करो हक़ हमेशा़ ग़ालिब रहेगा)

(आश़िक़ की तड़प उसकी मोहब्बत़़ की गुफ्तगू अंदाज़े श़ायराना मे)

(लालची लोगों का सौद़ा है ख़ुद्दारी जिसे बेच कर कामयाब होते है वो)

(मग़रूरियत ख़त्म फ़ना होने वाली चीज़ है मगर मोहब्बत़ की ख़ुश्बू फ़ज़ाओ मे भी आबाद है हमेशा)

(पहले ख़ुद को बदले दूसरों को बदलने से बेहतर है)

(दिल के आग के श़ोले ज़ुबाँ पर देखो)

(श़िक़वा भी अपनो से और मोहब्बत़ अपनो से)

(मोहब्बत़़ के सौद़ागर)

(ज़िन्दगी के सफ़र की हक़ीक़त)

(मेरी नसीहत़)

(सच्ची मोहब्बत़ का वादा)

(श़िद्द़ते ग़म)