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Showing posts from February, 2019

[ग़ुरुर अना ऐक काग़ज़ की नाव की तरह है]

🌹मौलाना अबुल कलाम आज़ाद जी की यौंम ऐ विसाल पर ख़िराजे तह़सीन 🌹

[मज़लूम जनता दग़ा सह कर भी वफ़ादार होती है और सेयासी लोग दग़ा देकर भी वफ़ादार बनते हैं]

(मोहब्बत़ से सारे जहां को जीत सकते थे मगर नफ़रत अद़ावत से तुम कहीं के नहीं रहे)

(शीशे से पत्थर नहीं तोड़े जाते)

(चेहरे को चमकाने से पहले क़िरदार चमकना चाहिए)

(हमारी पहचान हमारा अख़लाक़ है) (हमारी पहचान हमारा व्यवहार है)

(मां की अज़मत)( मां की प्रशंशा )

(द़र्दे मोहब्बत़ अपनो की और अपने वत़न की दिल मे)

(मोहब्बत़ की मिसाल बनो , नफ़रत की मश़ाल नही)