[सदाक़त ही सादगी और इन्सानियत की पहचान है]
अमीर की महफ़िल से तो अच्छी मुझे ग़रीब की वो महफ़िल पसंद आई
जहां मेज़बानों और मेहमानों में कोई ग़रुरो घमंड के दिखावे नहीं होते
✍️मोहम्मद आरिफ़ इलाहाबादी
जहां मेज़बानों और मेहमानों में कोई ग़रुरो घमंड के दिखावे नहीं होते
✍️मोहम्मद आरिफ़ इलाहाबादी
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