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Indian Poetry By Mohammad Arif
Indian Poetry By Mohammad Arif
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April 27, 2019
[समझौता नफ़्स से]
मै अपने हिस्से का सारा
सामान छोड़ आया हूँ
सिर्फ़ यादें साथ रख
पूरा मकान छोड़ आया हूँ
सफ़र मुश़किल भरा मेरा
और है ये रास्ता लंबा
मै अपनी ख़ुश़ियों को घर
की गली में छोड़ आया हूँ
आरिफ़ मोहम्मद इब्राहिम,इलाहाबादी
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