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[बेज़ुबान दिलों के ज़ख़्म]

दिल के घावों को कोई भी नहीं देखता आरिफ़ चेहरे से तो सब ख़ुशहाल दिखतें है समंदर की ख़ामोश़ी भी ऊपर से सबको पता है मगर अंदर से तबाहकुन तूफ़ान हर रोज़ उठते है

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[सहाफ़त, पत्रकारिता की सेयासी, राजनीति ग़ुलामी जनता की मुस्तक़बिल,भविष्य की तबाही बनती है]

[हमारे दीन मज़हब की पहचान इन्सानियत मोहब्बत]

[इनसांन और उसकी तकलीफ़ के असबाब समझो]

[मज़लूम की दर्द भरी आंह]

[Tha Great indain scientist, missile man] अब्दुल पाकर ज़ैनुल आबद़ीन अब्दुल कलाम

[ बचपन की यादें ]

[इस्लाम] नायाब है उसकी रौश़नी कभी ना ख़त्म होने वाली है

[मिट्टी के जिस्म में आग के श़ोले]

[💓Mothers day💓[

[रब पर भरोसा और ख़ुद पर ऐतेमाद़ी दौरे ज़ुल्मत में]