(फ़ख्रे वत़न ..देश पर गर्व)

ऐ वत़न ऐ वत़न मेरे प्यारे वत़न मेरी आखोँ के तारे दुलारे वत़न ऐ वत़न ऐ वत़न

मै जियूंगा यही मै मरूंगा यही तेरे क़दमों मे ही हो हमारा बद़न ऐ वत़न ऐ वत़न

तू ही पहचा़न है तू मेरी जान है तुझसे ही तो मेरी इज़्ज़तो आन है ऐ वत़न ऐ वत़न

मै जहां भी रहूँ है सदा ये ख़ोदा से दोआ के मेरे मुल्क़ मे भी हो हमेश़ा अम़न

ऐ वत़न ऐ वत़न



  ✒मोहम्मद आरिफ़ इलाहाबादी


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