[बेज़ुबान दिलों के ज़ख़्म]


दिल के घावों को कोई भी नहीं देखता आरिफ़ चेहरे से तो सब ख़ुशहाल दिखतें है


समंदर की ख़ामोश़ी भी ऊपर से सबको पता है मगर अंदर से तबाहकुन तूफ़ान हर रोज़ उठते है



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