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धर्म मज़हब जज़्बात से खेलना सेयासत का हथियार

क़त्ल कर दो हमको अपनी जान भी क़ुर्बान है, हम फ़ख्रे मुसलमां है आख़िर सांस तक चिल्लाएंगे लेलो हमसे मालों ज़र सबकुछ ख़ुशी…

भारत का मुसलमान

दुख और दर्द की छाँव में वो वक़्त ज़माना था 1947 का जब मेरा प्यारा भारत अंग्रेज़ी हुक्मरानों से आज़ाद होकर एक …

मज़लूम की दर्द भरी आंह

आंह जो मज़लूम की निकलेगी आंखों में पानी लेकर तो ज़ालिम पे बर्बादी का मंज़र सरेआम नज़र आएगा Hindi Urdu Poetry Stories��…

इस्लाम नायाब है उसकी रौश़नी कभी ना ख़त्म होने वाली है

पुरनूरे असरार हूँ मै जलता रहूंगा अपनो की रगों में आरिफ़ यूंही चलता रहूंगा, हमें ना मिटाने की कोशिश़ करो तुम मैं हीरा…

मिट्टी के जिस्म में आग के श़ोले

श़बनंम के हर एक क़तरे पर फ़ूलों को मचलते देखा है आग़ोशे समंदर में हमनें दरिया को सिमटते देखा है हैरत है यहां इनसांन ब…

माँ की ममता

माँ की हिम्मत में क़यामत की अदा देखी है हर एक मुश़्किल से टकराने की अदा देखी है गर सामने मौत़ भी तो परवाह नहीं उसको …

समझौता नफ़्स से

मै अपने हिस्से का सारा सामान छोड़ आया हूँ                     सिर्फ़ यादें साथ रख                   पूरा मकान छोड़ आय…

ज़ालिम हुक्मरान, ग़ाफ़िल अवाम

Hindi Urdu Poetry Stories एहसासे ज़माना क्या कहिये अंजाम की कोई परवाह़ ही नहीं मसनद़ पे है क़ब्ज़ा ज़ालिम का मज़लूम …

फिक्र ही मोहब्बत है

Hindi Urdu Poetry Stories बदस्त़ूर निज़ामे मोहब्बत़ को निभाते चले गये ख़ुद रोए दिल मे अपने उनको हसांते चले गये म…

तफ़्कीरे ग़म

दिल जला कर जागा रातों को मैं चराग़ो की जगह ज़िन्दगी की श़मां ही ख़ामोंश़ हो गई सुबह होते होते Hindi Urdu Poetry Stori…

वोटों की डकैती

पार्टी कोई भी हो ग़ुलामी बेजान मत करना चंद रुपयों के लालच में अपनी ताक़त नीलाम मत करना आंखें खोलकर और दिमाग़ की बत्ती ज…

नादांन मोहब्बत

सित़म सहकर भी समझ ना सके सित़म गर को अपनों के बीच रह कर आरिफ़, क्या ख़ूब वफ़ादारी का सिला दिया है अपनों ने अपना कहकर और…

सदाक़त ही सादगी और इन्सानियत की पहचान है

अमीर की महफ़िल से तो अच्छी मुझे ग़रीब को वो महफ़िल पसंद आई, जहाँ मेज़बानों और मेहमानों में कोई ग़रुरो घमंड के दिखावे नह…

नारी दिवस,women's day

मोहब्बत की मिसालें आज भी देतीं हैं ज़माने को वो एक ख़ातून है हमको जो कभी गिरने नहीं देती कभी वो मां की सूरत में कभी बहन…

मौक़े की सेयासत

उधर पुलवामा में सीआरपीएफ के कई जवानों ने जब श़हाद़त पाई थी, तो इधर ऐकंर चैनलों के गोदी मीडिया में न्यूज़ से ख़ूब ट…

मज़लूम जनता दग़ा सह कर भी वफ़ादार होती है और सेयासी लोग दग़ा देकर भी वफ़ादार बनते हैं

मज़लूम जनता दग़ा सह कर भी वफ़ादार होती है और सेयासी लोग दग़ा देकर भी वफ़ादार बनते हैं

ज़ालिमों श़र पसंदों की सेयासत में क़द्रो ऐह़तेराम है जितना मज़लूमों बेबसों पर बाक़ी अभी ज़ुल्म का अंजाम है उतना, ओह़दे …

चेहरे चमकाने से क़िरदार नही चमकता

अजीब है बात है आरिफ़ के रात दिन जो मुझ पर ऐतराज़ करतें हैं, औक़ात नहीं जिनकी सर उठाने की वो हर जगह मेरी बात करतें हैं औ…