(मां की अज़मत)( मां की प्रशंशा )

मां की ममता का हक़ अद़ा बेश़क़ इस जहांन में किसी औलाद़ से क्या होगा

जन्नत है जिसके क़दमों तले दुनिया में मह़श़र में उस सुल्ताना का ऐजाज़ क्या होगा

रब ने बख़्शी है जिसे अपनी रहमतों से श़ाने कऱीमी दुनिया में ऐसी आरिफ़

फ़रिश्ते भी रश्क़ से कहते है मां से ज़्यादा अज़मत वाली मख़लूक़ इंसानो में क्या होगा




🇮🇳✍️मोहम्मद आरिफ़ इलाहाबादी

Comments