(हमारी पहचान हमारा अख़लाक़ है) (हमारी पहचान हमारा व्यवहार है)

क़राबत का तरीक़ा दुश़्मनों ने हमसे सीखा है जहां भर में,
हम अपनी सूरत से नहीं सीरत से पहचाने जाते हैं


            🇮🇳✍️ मोहम्मद आरिफ़ इलाहाबादी

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