धर्म मज़हब जज़्बात से खेलना सेयासत का हथियार

Hindi Urdu Poetry Stories
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क़त्ल कर दो हमको अपनी जान भी क़ुर्बान है,

हम फ़ख्रे मुसलमां है आख़िर सांस तक चिल्लाएंगे


लेलो हमसे मालों ज़र सबकुछ ख़ुशी से दें देंगे हम,

सर मेरा तैय्यार हैं हक़ के वास्ते कट जाएंगे मिट जाएंगे


चाहती हैं ये हुकूमत छीन लें हमसे हमारा ही श़िनाख़्त,

हम नही डरते किसी ज़ुल्मत से आख़िर तक यूँही टकरायेंगे


लोग वो अंग्रेज़ी हुकूमत में कभी करते थे जो जासूसिंया,

आज उनकी नस्लों को भी हम सरकारी पेंशन दिलवाएंगे


और वक़्फ़ की हर चीज़ पर है आरिफ़ हक़ तो बस अल्लाह का,

ये ज़्यादती है हमसे इंशाअल्लाह पार्लियामेंट में इसे रोकवाएंगे


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