(पहले ख़ुद को बदले दूसरों को बदलने से बेहतर है)

श़ख़्सियत अपनी अलग दिखाईऐ अख़लाक़ मे अपने नर्मी लाईऐ मजबूरो मोहताजो के हर पल काम आईऐ

लोगों के दिलों मे मोहब्बत़ ख़ुद बा ख़ुद आ जाऐगी आरिफ़ बस किरदार को अपना एैसा बनाईऐ


🖋मोहम्मद आरिफ़ इलाहाबादी

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