कविता जज़्बातों की क़लम से
कल की फिक्र नहीं है जिनको वो हमको धमकातें हैं और आज किया तो कल को भरोगे कर्म यही बतलातें हैं जो दुनिया में आया है प्य…
कल की फिक्र नहीं है जिनको वो हमको धमकातें हैं और आज किया तो कल को भरोगे कर्म यही बतलातें हैं जो दुनिया में आया है प्य…
क़त्ल कर दो हमको अपनी जान भी क़ुर्बान है, हम फ़ख्रे मुसलमां है आख़िर सांस तक चिल्लाएंगे लेलो हमसे मालों ज़र सबकुछ ख़ुशी…
हमारी ख़ामोंशियों को अपना हथियार ना बनाओ ज़ालिम , जो ये बोल पड़ेगा तो तुम्हारे हथियार भी टूट जाएंगे ज़ालिम जब भी ज़ुल्म…
दुख और दर्द की छाँव में वो वक़्त ज़माना था 1947 का जब मेरा प्यारा भारत अंग्रेज़ी हुक्मरानों से आज़ाद होकर एक …
ज़िंदगी भर की मेहनत से ये उम्मीद रही आरिफ़ के ज़िंदगी गुज़ारेंगे बेहतर एक दिन, लेकिन हाए रे मेरी उम्मीद के ना उम्मीद रह…
पहचान मेरी मोहताज नहीं बस नाम ही काफ़ी है अपना' भारत का रहने वाला हूँ पहचान ये काफ़ी है अपना हर मुल्क में अपनी शोहर…
दिलों के घावों को कोई भी नहीं देखता आरिफ़ चेहरे से तो सभी ख़ुशहाल दिखतें है, समंदर की ख़ामोश़ी भी ऊपर से सबको पता है मग…
सहाफ़त जब सेयासी हुक्मरानों की ग़ुलाम हो जाए वत़न का हर अमीर जब ज़ालिमों और मक्कार हो जाए तो समझ लेना अवाम का मुस्तक…
मत पूछिए हमसे के मेरा दीन कैसा है मेरा ये धर्म मज़हब भी मेरे ईमान जैसा है सदाक़त का सलीक़ा हमसे है सीखा ज़माने ने …
किस्से अपना दर्द कहूँ सब चेहरे अनजाने है कौन सुनेगा अपना दुख सबके यही फ़साने है, सोने-चांदी की क़ीमत तो इनसांनों से …
आंह जो मज़लूम की निकलेगी आंखों में पानी लेकर तो ज़ालिम पे बर्बादी का मंज़र सरेआम नज़र आएगा Hindi Urdu Poetry Stories…
मुझे बचपन के वो गुज़रे ज़माने याद आतें है,वो नन्हें हाथों के ऐक आशियाने याद आतें है पुराने दिन की बातें थी साथी दुलारे …
पुरनूरे असरार हूँ मै जलता रहूंगा अपनो की रगों में आरिफ़ यूंही चलता रहूंगा, हमें ना मिटाने की कोशिश़ करो तुम मैं हीरा…
श़बनंम के हर एक क़तरे पर फ़ूलों को मचलते देखा है आग़ोशे समंदर में हमनें दरिया को सिमटते देखा है हैरत है यहां इनसांन ब…
माँ की हिम्मत में क़यामत की अदा देखी है हर एक मुश़्किल से टकराने की अदा देखी है गर सामने मौत़ भी तो परवाह नहीं उसको …
मुझे टूट कर यूंही बिखर जाने दो ज़िंदगी को मेरी त़ार-त़ार बन जाने दो मै ख़ुद ही निपट लूंगा अपने हालात स…
मै अपने हिस्से का सारा सामान छोड़ आया हूँ सिर्फ़ यादें साथ रख पूरा मकान छोड़ आय…
Remembering #AllamaMohammadIqbal On His Death anniversary. On 21 April 1938 he Died. Iqbal widely known as ﻋﻼﻣﮧ محمد …
Hindi Urdu Poetry Stories एहसासे ज़माना क्या कहिये अंजाम की कोई परवाह़ ही नहीं मसनद़ पे है क़ब्ज़ा ज़ालिम का मज़लूम …
Hindi Urdu Poetry Stories बदस्त़ूर निज़ामे मोहब्बत़ को निभाते चले गये ख़ुद रोए दिल मे अपने उनको हसांते चले गये म…